आपसे निवेदन

आप चाहे छतहार में रहते हों या छतहार से बाहर, अगर आपका रिश्ता छतहार से है तो ये ब्लॉग आपका है। हम चाहते हैं कि आप छतहार के बारे में अपनी जानकारी, अपनी भावना, अपने विचार हमसे बांटें। आप अगर छतहार से बाहर रहते हैं और जिंदगी की आपाधापी में छतहार से आपका रिश्ता टूट चुका है तो हम चाहते हैं कि आप अपने बारे में हमें जानकारी भेजें ताकि ब्लॉग में हम उसे पोस्ट कर छतहार से आपका रिश्ता जोड़ सकें। हमारा मकसद इस ब्लॉग को छतहार का इनसाइक्लोपीडिया बनाना है। दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठा कोई शख्स छतहार के बारे में अगर कोई जानकारी चाहे तो उसे अपने गांव की पक्की सूचना मिल सके। ये आपके सहयोग के बगैर संभव नहीं है। हमें इस पते पर लिखे- hkmishra@indiatimes.com

Sunday, November 13, 2011

बदलेगा अब सुल्तानगंज स्टेशन का नाम

चाहे दिल्ली से छतहार जाना हो या मुंबई से। चाहे पटना से ट्रेन पकड़े हों या कोलकाता से। छतहार जाने के लिए आपको उतरना तो पड़ेगा सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन पर ही। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि जल्द सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन की हस्ती मिटने वाली है। अब कोई सुल्तानगंज रेलवे स्टेशन नहीं होगा। ना.. ना.. ना... ऐसा नहीं है कि सुल्तानगंज से रेलवे स्टेशन ही खत्म होने वाला है, बल्कि रेलवे मंत्रालय ने इस स्टेशन का नाम बदलने का फैसला लिया है। सूत्रों के मुताबिक इस स्टेशन का नाम मशहूर अजगैबीनाथ के नाम पर अजगैबीनाथ धाम स्टेशन किया जाएगा। छतहार ब्लॉग की ये एक्सक्लूसिव खबर है।

Saturday, October 15, 2011

नीतीश कुमार को खुला खत

आदरणीय नीतीश कुमार जी।
आपके सुशासन की बड़ी तारीफ सुनी थी। देश की मीडिया में सुर्खियां बन रही थीं आपका विकास मॉडल। भारतीय रेल के कायाकल्प में आपके पूर्ववर्ती लालू प्रसाद यादव के प्रबंधन मॉडल की तरह देश के शीर्ष मैनेजमेंट कॉलेजों में आपके प्रबंधन मॉडल पर बहस होने लगी थी। इन्हीं चर्चाओं के बूते आप बिहार में भारी बहुमत से दूसरी बार सत्ता में भी आए। बिहार के छोटे से अपने गांव से सैकड़ों मील दूर दिल्ली में बैठकर मुझे आपके सुशासन की इन तारीफों से बड़ी खुशी हो रही थी। गर्व हो रहा था कि चलो कम से कम अच्छी वजहों से सूबे से बाहर बिहार की तारीफ तो हो रही है। नहीं तो अब तक दिल्ली में बिहारी शब्द का मतलब क्या होता था इसका दर्द हम प्रवासी बिहार वाले ही जानते हैं। खैर, सुशासन के इन चर्चों को सुनते हुए मन बेसब्री से इंतजार कर रहा था बदले बिहार को देखने का। मन में बड़ी कुलबुलाहट हो रही थी कि तारापुर से अपने गांव जाने वाली सड़क का हाल देखने की, जो पिछले 25 सालों में विकास की उल्टी रफ्तार पर चल रही थी। मुझे याद है 1987-88 में बड़ुवा नदी पर महत्वाकांक्षी पुल बनकर तैयार हुआ था। तब हम अपने कार वाले रिश्तेदारों को गर्व से बताया करते थे कि चिंता के कौनो बात नै छय... अब त घर तक गाड़ी आबै छैय...1990 तक आते-आते तारापुर से छतहार तक चमचमाती पक्की सड़कें बनकर तैयार हो चुकी थीं।
लेकिन, लगता है आने वाला वक्त छतहारवालों पर बेरहम था। लालू शासन में पूरे बिहार की तरह तारापुर-छतहार की सड़क ने भी दम तोड़ दिया। आप ऊपर तस्वीरों में देख रखते हैं सड़क का हाल। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि ये सड़क छतहार ही नहीं मालडा, गुलनीकुशहा, खौजरी, टीना, मिर्जापुर समेत कई गांवों के हजारों लोगों का जरिया है करीबी शहर तारापुर पहुंचने का।
खैर, लालू काल में सड़कें टूटती रहीं... परेशानियां बढ़ती रहीं.. लेकिन किसी ने सुध नहीं ली। सुध लेता भी कौन पूरे बिहार का तब यही हाल तो था। बहरहाल, सुशासन के वादे के साथ आप सत्ता में आए। पूरे बिहार में कथित तौर पर सड़कों पर काम शुरू हो गया। बिहार से खबरें आने लगीं कि अब बिहार पहले वाला नहीं रहा। नीतीशजी खूब काम करा रहे हैं। पांच साल में बिहार बदल जाएगा।
मन में खुशी हुई। जब भी गांव किसी को फोन करता पूछता गांव की सड़क पर काम शुरू हुआ क्या? जवाब में हर बार ना ही मिला। सुशासन का सब्जबाग दिखाते-दिखाते आपने पांच साल पूरे कर लिए। कुछ जगहों पर सड़कें बनीं... और हमारे गांव की तरह ज्यादातर हिस्सों में बेबसी बनी रही। चुनाव आया। आपने नारा दिया कुछ तो किया। जनता ने भरोसा किया और आपको भारी बहुमत मिल गया। लेकिन, नीतीश जी आपके दूसरे कार्यकाल का सालभर होने को है और मैं आपको आपके तथाकथित सुशासन की कुछ तस्वीरें दिखाना चाहता हूं। उम्मीद है आप इस पर गौर करेंगे।
नीतीशजी, ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं ये बड़ुवा पुल को छतहार से जोड़ने वाली तस्वीर है। बताने की जरुरत नहीं कि सड़क दोनों तरफ से बुरी तरह कटी हुई है और यहां थोड़ा भी संतुलन खोने का मतलब है बड़ा हादसा। गौर से आप देखेंगे तो पाएंगे कि बाईं तरफ की सड़क इतनी कट चुकी है कि पैदल चलने तक का रास्ता नहीं बचा है।

ये तस्वीर पहली तस्वीर से थोड़ा पहले खींची गई है। यहां दायीं तरफ सड़क टूट चुकी है।
 तस्वीर में आप देख सकते हैं सड़क टूट कर किस तरह संकरी हो गई है।
ये छतहार-तारापुर सड़क की सबसे डरावनी तस्वीरों में एक है। 15 साल पहले आई बाढ़ में जब पानी छतहार तक घुस गया था तो ये सड़क कट गई थी। तब से इसकी मरम्मत नहीं हुई है। दायीं ओर करीब तीन फुट गहरा गड्ढा है जो घास से ढंका हुआ है। शाम के अंधेरे में यहां कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
 नीतीश बाबू, ये तस्वीर देखिये और बताइये इसमें सड़क कहां है। आप बता दें तो हम आपके सुशासन के दावे को मान लेंगे।
 जर्जर सड़क का एक और नमूना पेश है। सड़क बुरी तरह कट चुकी है। नीचे गहरा गड्ढा। यहां से गुजरना जोखिम से कम नहीं।
पूरे रास्ते में ज्यादातर जगहों पर फुटपाथ और सड़क के बीच करीब एक-डेढ़ फीट  का अंतर आ चुका है। ऐसे में अक्सर यहां रिक्शा या वाहन पलटने के हादसे होते रहते हैं।
 यहां तो सड़क ही खत्म हो चुकी है। किसी तरह गांव वालों के प्रयास से मिट्ठीभर चलने के लायक बनाया गया है।
 ये नदी के पार मोहनगंज से पहले की सड़क है। तारकोल उतर चुका है। अब सिर्फ मिट्टी ही मिट्टी है। गड्ढों की तो पूछिये ही मत।
 मोहनगंज में प्रवेश से ठीक पहले की है ये तस्वीर। सड़क संकीर्ण और जर्जर है। फुटपाथ और सड़क के बीच लेवल इतना असामान्य है कि जब आमने-सामने से दो वाहनों को गुजरना हो तो लंबा जाम लग जाता है क्योंकि कोई अपनी गाड़ी नीचे नहीं उतारना चाहता। इसी वजह से अक्सर यहां लंबा जाम लगा रहता है। आपकी जानकारी के लिए ये बता दूं कि सुल्तानगंज से देवघर जाने वाले कांवड़ियों का ये नया रूट है। इतनी पौराणिक और धार्मिक यात्रा के मार्ग का ये हाल.. आप देश में बिहार की कौन सी तस्वीर पेश करना चाहते हैं नीतीश बाबू।
मुख्यमंत्री जी, ये हाल तब है जब तारापुर विधानसभा में आपकी ही पार्टी की नीता चौधरी विधायक हैं। नदी से मोहनगंज तक की सड़क  नीताजी के क्षेत्र में ही आता है। छतहार वालों की शिकायत है कि चूंकि इस मार्ग का इस्तेमाल अमरपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले छतहार और दूसरे गांव के लोग करते हैं, इसलिए नीताजी इस सड़क की सुध नहीं ले रहीं। उन्हें लगता है कि इससे उनके वोट पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला क्योंकि छतहार और बाकी गांव के लोग तो तारापुर वोट करने आएंगे नहीं। यानी, सीमा विवाद की भेंट चढ़ गई है ये सड़क।

 नीतीश जी, जब उम्मीदें टूटती हैं तो मन में पीड़ा होती है। यही व्यथा आज हमारे गांव के लोगों की ही है। आपसे उन्हें उम्मीदें बंधी थीं, लेकिन अब टूट चुकी हैं। यकीन मानिये पहली बार मुझे इतना दुख हुआ बिहार जाकर। पिताजी की बड़ी इच्छा थी घर पर एक कार हो। मेरी भी इच्छा थी उनकी ये ख्वाहिश पूरी कर दूं। लेकिन, इन सड़कों पर कार चलेगी कैसे? नीतीश बाबू क्या आप एक बेटे की व्यथा समझेंगे?
 लेकिन, कहते हैं ना जिंदगी चलने का नाम है। छतहार के लोगों की भी जिंदगी किसी तरह चल ही रही है इस गाड़ी की तरह, जहां जानवरों की तरह इंसान ठुंसे हुए हैं।
और आखिर में नीतीश जी, दुनिया अब बड़ी छोटी हो गई है। छतहार भले ही छोटा सा गांव है, लेकिन छतहार के लोग दुनिया के कई हिस्सों में फैले हुए हैं। वो बिहार के बाहर देख चुके हैं कि विकास क्या होता है। सड़क का मतलब क्या होता है। आप उन्हें बहला नहीं सकते। कुछ तो किया का नारा एक बार तो चल गया,लेकिन बार-बार नहीं चल सकता। अगर आप वाकई विकास के पैरोकार हैं तो मेरे गांव की इस सड़क का उद्धार कर दीजिए। मेरे लिए यही बिहार के विकास का बैरोमीटर है। उम्मीद है, किसी ना किसी माध्यम से आप तक मेरी ये व्यथा जरूर पहुंचेगी।
आपका,
हिमांशु कुमार मिश्र

Thursday, October 6, 2011

तस्वीरों में तेलडीहा मेला

बड़ुवा नदी के किनारे बना तेलडीहा मंदिर का प्रवेश द्वार
मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का तांता
तेलडीहा मंदिर का मुख्य द्वार। मंदिर परिसर को श्रद्धालुओं की भीड़ की अव्यवस्था से बचाने के लिए पहली बार मंदिर के चारों तरफ ग्रिल लगाई गई। 
इस बार तेलडीहा में पाठा बलि के लिए खास इंतजाम किया गया। उसी की सूचना देता मंदिर के बाहर लगा ये बोर्ड। 

मंदिर के बाहर जले आस्था के दीप
दर्शन के लिए पहली बार कतारों में मंदिर पहुंचे श्रद्धालु
मेले में मिठाई की दुकान
सभी फोटो -रौशन मिश्र

विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

छतहार पंचायत के समस्त सदस्यों को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। आइये आज हम संकल्प लें कि अपने अंदर की बुराई को कभी जीतने नहीं देंगे।
विजयदशमी के पावन मौके पर मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र ने छतहार के समस्त निवासियों को शुभकामनाएं दी है। श्री मिश्र ने छतहार ब्लॉग को भेजे अपने संदेश में कहा है कि विजयदशमी का त्योहार हमें याद दिलाता है कि असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई पर हमेशा जीत होती है। इसलिए हमेशा हमें अच्छाई के रास्ते पर ही चलना चाहिए। उन्होंने छतहार के लोगों से बुराई का त्याग करने की अपील की।
छतहार निवासी सरोज कुमार मिश्र, पंकज सिंह, रोशन मिश्र, मंडन मिश्र, प्रमोद कुमार मिश्र, पप्पू मिश्र ने भी छतहार ब्लॉग को विजयशमी पर बधाई संदेश भेजा है। हमें छतहार से बाहर रहनेवाले छतहार के तमाम लोगों की तरफ से संदेश मिल रहे हैं। निफ्ट दिल्ली में पढ़ाई कर रही ऋचा सेफाली, कीट्स भुवनेश्वर में कानून की छात्रा आकांक्षा मिताली, आईआईटी रुड़की के छात्र मनीष भारद्वाज, सी-वोटर में सर्वे कॉर्डिनेटर दिव्यांशु भारद्वाज, बरौनी से मनोज कुमार मिश्र, सूरत से मुरारी मिश्र, महेंद्र गढ़ से राजीव मिश्र, वसुंधरा गाजियाबाद से नीरज और सौरभ भारद्वाज, और छतहार के मशहूर फैशन डिजाइनर विकास भारद्वाज ने विजय दशमी पर छतहार के लोगों को बधाई दी है।  

तेलडीहा में नवरात्र धूमधाम से संपन्न

महानवमी के दिन करीब दस हजार पाठा बलि के साथ ही तेलडीहा में परंपरागत हर्षोल्लास के साथ नवरात्र का समापन हो गया। महानवमी के दिन बुधवार को सुबह साढ़े 11 बजे से ही बलि की शुरुआत हो गई थी और देर रात डेढ़ बजे तक जारी रहा। पहले मेढ़पति और उनके परिवार के लोगों ने पाठा बलि दी, इसके बाद आम लोगों की बारी आई। पिछले साल नवमी पर पाठा बलि के दौरान मची भगदड़ से सबक लेते हुए इस बार मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए थे। बड़ुवा नदी के छोर पर बने राजराजेश्वरी द्वार से मंदिर तक बैरिकेटिंग का इंतजाम किया गया था। बैरिकेटिंग के सहारे लोग पाठा लेकर कतार में मंदिर तक पहुंच रहे थे। तेलडीहा में दर्शन और पाठा बलि के लिए कतार का इंतजाम पहली बार किया गया था और काफी कामयाब भी रहा। छतहार निवासी विनोद ठाकुर के मुताबिक शानदार इंतजाम होने की वजह से पहली बार कोई बच्चा भी अकेले पाठा कटवाकर घर लौट सका। इससे पहले इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी
ये पहला मौका है जब तेलडीहा में गैर किसी झगड़े के पाठा बलि शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। गौरतलब है कि पिछले साल अपना पाठा पहले कटवाने के चक्कर में मंदिर परिसर भगदड़ मच गई थी, जिसमें पांच से ज्यादा श्रद्धालुओं और सैंकड़ों पाठे की मौत हो गई थी। इस हादसे के बाद जिलाधिकारी ने जिले के सभी मंदिरों में पाठा बलि को प्रतिबंधित कर किया था, लेकिन इलाके के लोगों की मांग और सांसद पुतुल कुमारी के हस्तक्षेप के बाद जिला प्रशासन ने शर्तों के साथ पाठा बलि को मंजूरी दे दी।
इन्हीं शर्तों के तहत तमाम व्यवस्था पर निगरानी के लिए एक समिति बनाई गई। मंदिर प्रशासन से साफ कहा गया कि किसी भी हादसे के लिए वो जिम्मेदार होंगे। साथ ही इलाके के कुछ दबंग बलि के दौरान मनमानी ना करें, इसे रोकने के लिए पुलिस बल की भी तैनाती की गई। शंभूगंज के थानाध्यक्ष बासुकीनाथ झा खुद पूरे इंतजाम की निगरानी कर रहे थे। इसके अलावा छतहार के मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र भी वहां पाठा बलि के दौरान पूरे वक्त मौजूद रहे।
पाठा बलि शांतिपूर्वक संपन्न होने पर जिला प्रशासन और स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है। छतहार के मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र के मुताबिक ऐसा पहली बार हुआ है कि नवमी देर रात तक पाठा बलि संपन्न हो गया, जिसकी वजह से विजयदशमी के दिन श्रद्धालु आराम से तेलडीहा महारानी के दर्शन कर सकेंगे। इससे पहले दशमी के दोपहर तक बलि का कार्यक्रम चलता रहता था, जिसकी वजह से श्रद्धालुओं के लिए विजयदशमी के दिन मां के दर्शन करना मुश्किल होता था।

Wednesday, September 28, 2011

धूमधाम से शुरू हुआ नवरात्र

शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्र धूमधाम से शुरू हो गया। पहले दिन देवी के शैलपूत्री रूप की पूजा की गई। पूरे गांव में सुबह से ही पूजा की सरगर्मी शुरू हो गई थी। पूजा के लिए फूल और बेल पत्र इकट्ठा करने के लिए तड़के ही लोग घरों से निकल पड़े थे। इसके लिए बच्चों और युवकों में खास उत्साह था। घरों से निकल रहे दुर्गा सप्तशती के पाठ स्वर और शंख ध्वनि से पूरे इलाके का माहौल धार्मिक बन गया। गांव के पंडितों के लिए खासतौर पर ये व्यस्त दिन रहा। पूरे नौ दिन उन्हें अलग-अलग घरों में चंडी पाठ करना होगा। 
उधर, तेलडीहा में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मां के भक्त सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर वहां पहुंच रहे थे। भक्त सुल्तानगंज से करीब बीस किलोमीटर की यात्रा पैदल तय कर तेलडीहा पहुंचे। यहां जल धारने के बाद ही भक्तों ने अपने घरों की तरफ रुख किया। बहरहाल, नवरात्र का ये पहला ही दिन था, आने वाले दिनों में तेलडीहा में भारी भीड़ जुटने का अनुमान है। खासतौर पर अष्टमी, नवमी और दशमी के रोज तो यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु जमा होते हैं।

Tuesday, September 27, 2011

नवरात्र के लिए तैयार है तेलडीहा

कल से नवरात्र शुरू हो रहा है और तेलडीहा दुर्गा मंदिर साल के सबसे बड़े मेले के आयोजन के लिए तैयार है। पिछली बार नवमी के दिन मची भगदड़ से सबक लेगे हुए इस बार व्यापक इंतजाम किए गए हैं ताकि फिर कोई अनहोनी ना हो सके। मां के दर्शन और बलि के लिए मंदिर परिसर में मचने वाली आपाधापी से बचने के लिए इस बार पंक्ति की व्यवस्था होगी। इसके लिए बकायदा बैरिकेटिंग लगाई जा रही है। चाहे आम हो या खास देवी के दर्शन के लिए सबको लाइन में लगना होगा। इससे पहले दर्शन में मंदिर प्रबंधन की मनमानी चलती थी। वो जिसे चाहते पिछले दरवाजे से मंदिर में प्रवेश करा देते थे। इस बार वीआईपी और वीवीआईपी को भी लाइन से ही मंदिर तक पहुंचना होगा, हालांकि दर्शन में सहूलियत हो इसके लिए एक कट प्वाइंट बनाया जाएगा जहां से वो सीधे मंदिर में प्रवेश कर पाएंगे। मंदिर के आसपास इस बार किसी को भी दुकान लगाने की अनुमति नहीं होगी ताकि भीड़ की वजह से कंजेशन ना हो। यही नहीं, आसपास की सड़कों को भी तीस फीट चौड़ा कर दिया गया है।
जहां तक बलि की बात है तो इस बार पहले आओ पहले बलि दिलवाओ का फॉर्मूला अपनाया गया है। यानी, किसी गांव या व्यक्ति को बलि में प्राथमिकता नहीं दी जाएगी। लाइन के जरिये जिसकी बारी आएगा उसका पाठा कटेगा। अष्टमी के दिन पहले मेढ़पति के परिवार के लोग बलि देंगे इसके बाद आम लोगों की बारी आएगी। इसी तरह नवमी के दिन दोपहर एक बजे तक मेढ़पति के घरवाले बलि देंगे और फिर आम लोगों की बारी होगी।
व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा। व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन के लोग भी रहेंगे लेकिन किसी भी हादसे के लिए मंदिर प्रबंधन समिति कसूरवार ठहराया जाएगा। अबकी मंदिर परिसर में एंबुलेंस के साथ अग्निशमन वाहन भी मौजूद रहेंगे। इतना ही नहीं आपात चिकित्सा का भी पूरा इंतजाम होगा वहां। सीसीटीवी कैमरे से मंदिर परिसर की निगरानी की जाएगी। आम श्रद्धालुओं की धार्मिक भावना का ख्याल रखते हुए गुलनीकुशहा निवासी रमन सिंह ने मंदिर परिसर के बाहर चबूतरा का निर्माण कराया है। उस चबूतरे पर स्थानीय पंडित पाठ करेंगे। कोई श्रद्धालु अगर खास पूजा करना चाहे तो उसके लिए यहां इंतजाम होगा।
तेलडीहा में श्रद्धालुओं की भीड़ पहली पूजा के दिन ही शुरू हो जाएगी। पहली पूजा को मां भगवती का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ेगा। श्रद्धालु सुल्तानगंज स्थित पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा से जलभरकर करीब बीस किलोमीटर की पदयात्रा कर तेलडीहा दुर्गा मंदिर पहुंचकर जलाभिषेक करेंगे।
चूंकि नवरात्र में तेलडीहा में हर रोज हजारों श्रद्धालु उमड़ते हैं इसलिए ये तय है कि दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लंबा इंतजार करना पड़ेगा। ऐसे में कतार में लगे श्रद्धालुओं के लिए पानी, चाय, शरबत का भी इंतजाम किया किया है।
इस बीच, 30 सितंबर को तीन पूजा के दिन भजन का कार्यक्रम रखा गया है। स्थानीय भजन सम्राट सुनील मिश्र देवी और उनकी मंडली भजन गाएगी। भजन संध्या का उद्घाटन स्थानीय सांसद पुतुल कुमारी करेंगी।

माता दुर्गा की आरती

मैया की लाली चुनरिया देखो जी बड सुहावन लागे जी
मांग में मैया के टीका सोहे
टीका में लरिया निराली देखो जी बड सुहावन लागे जी
माथे में मैया के विन्दिया सोहे
विन्दिया में हीरा प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
कानों में मैया के झुमका सोहे
झुमका में मीना धारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
गले में मैया जी के सिकरी सोहे
सिकरी में लाकेट प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
हाथों में मैया जी के कंगन सोहे
कंगन में खिलिया प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
पैरों में मैया के पैजनी सोहे
पैजनी छम्मकदारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
मैया की साड़ी करे जगमग जगमग
की है शेर सवारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
माता दुर्गा जगत महारानी
तीनों लोक में नहीं इनकी सानी
शिव शिव भवानी मृडानी रुद्रानी
दुर्गति नाशिनी अम्बे देखो जी बड सुहावन लागे जी
महिषासुर मधुकैटभ मारे
सुर नर मुनि को भय से उवारे
जय जय करे दुनियां सारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
"
आरती " वंदना करूँ भक्त संग मिल
लेहो अब मोहे उवारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
गीत- आरती मिश्र
संगीत- मनोज मिश्र
ताल- दादरा

Tuesday, September 20, 2011

आरती मिश्र के भक्ति गीत


उदीयमान गीतकार श्रीमती आरती मिश्रा
मित्रों, छतहार के मशहूर गीतकार श्री मनोज मिश्र की धर्मपत्नी श्रीमती आरती मिश्र द्वारा रचित दो भक्ति गीतों को ब्लॉग पर पेश करते हुए अति प्रसन्नता हो रही है। श्रीमती आरती मिश्र बिहार की उदीयमान गीतकारों में शुमार हैं। छतहार ब्लॉ़ग की तरफ से उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं। पेश हैं श्री आरती मिश्र के दो भक्ति गीत। पहला गीत गणपति जी की वंदना है और दूसरा भगवान कृष्ण पर है।
आये गणपति द्वारे हर्षाए सखिया
हर्षाए सखिया मंगल गए सखिया
आये गणपति द्वारे हर्षाए सखिया
माता गौरी के गोद बिराजे
देवगन फूल वर्षाये सखिया , आये ---
गौरी नंदन शिव के दुलारे

चन्दन पलना माता झुलाए
देख देख मन हर्षाए सखिया , आये ---
माथे मुकुट मूषक पे बिराजे

मोदक थाल मन भाए सखिया ,आये ----
जो यह गणपति मंगल गाये

रिद्धी- सिद्दि धन पाए सखिया ,आये ----
" आरती " गाये सखी संग मिली जुली
सकल मनोरथ पाए सखिया ,आये ----

गीत - आरती मिश्र
संगीत - मनोज मिश्र

कृष्ण गीत

बंसिया बजाये कान्हा झूमे गलिया
झूमे लागल राधा रानी संग झूमे सखिया
गौवा भी झुमए, बछड़ा भी झुमये
झूमे लागल ब्रिन्दावन के कुञ्ज गलिया
ए जी झूमे लागल ब्रिन्दावन के कुञ्ज गलिया

झूमे लागल राधा रानी संग झूमे सखिया
मैया यशोदा झूमे नन्द बाबा झुमए
झूमे लागल हाथ मथुनिया दहिया
झूमे लागल राधा रानी संग झूमे सखिया इ
रुकुमिनी झुमए ,ललिता भी झुमये
झूमे लागल सखिया कदम के डलिया
झूमे लागल राधा रानी संग झूमे सखिया

गोकुल भी झुमए ,मथुरा झुमये
झूमे लागल यमुना लहर सखिया
"
आरती " झुमए ,भक्त जन झुमए
नख पर गिरि धरि झूमे कन्हैया
झूमे लागल राधा रानी संग झूमे सखिया
गीत - आरती मिश्र
संगीत एवं स्वर - मनोज मिश्र
ताल - कहरवा

Sunday, September 18, 2011

भूकंप के झटकों से हिला छतहार

आज शाम छह बजकर ग्यारह मिनट पर भूकंप के तेज झटकों से छतहार और आसपास के इलाके दहल उठे। गांववासी रोजमर्रा के कामों से निपटकर घर लौटे ही थे कि अचानक भूकंप का तेज झटका आया। छतहार के मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र के मुताबिक झटका इतना तेज था कि घर के दरवाजे और खिड़कियां हिलने लगीं। श्री मिश्र के मुताबिक भूकंप को गांव और इलाके के तकरीबन अधिकांश लोगों ने महसूस किया। भूकंप महसूस होते ही लोग घरों से निकल गए। लोगों की जेहन में लगभग 23 साल पहले 1988 में आए विनाशकारी जलजले की याद ताजा हो गई। 21 अगस्त 1988 को 6.6 तीव्रता के उस भूकंप में हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। तब भूकंप का केंद्र भारत-नेपाल सीमा का इलाका था।
इस बार भूकंप का केंद्र सिक्किम से 64 किलोमीटर दूर का इलाका बताया गया है। भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। बहरहाल, छतहार और आसपास के इलाकों से किसी नुकसान की खबर नहीं है। गौरतलब है कि बिहार में मुंगेर जिला भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है। छतहार मुंगेर जिले से बिल्कुल सटा हुआ है। 1934 और 1988 के भूकंपों में मुंगेर जिले में भारी तबाही हुई थी। 

Saturday, August 20, 2011

अन्ना के आंदोलन में छतहार की भागीदारी

अन्ना हजारे के आंदोलन में आज छतहार ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा दी। दिल्ली के रामलीला मैदान में जनलोकपाल बिल के लिए अनशन पर बैठे अन्ना हजारे को समर्थन देने के लिए छतहार निवासी श्री विजय कुमार मिश्र, श्री हिमांशु कुमार मिश्र, श्री दिव्यांशु भारद्वाज और श्रीमती संगीता अनशन स्थल पर पहुंचे। रामलीला मैदान से लौटकर श्री विजय कुमार मिश्र ने छतहार ब्लॉग को बताया कि लोगों का जोश देखकर वो अभिभूत हैं। अगर भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो हर किसी को अन्ना का साथ देना होगा।
श्री विजय कुमार मिश्र
श्री दिव्यांशु भारद्वाज


इस बीच, छतहार से जानकारी मिली है कि वहां भी अन्ना के समर्थन में धरने की तैयारी हो रही है। आज छतहार से सटे तारापुर में अन्ना के समर्थन में एक रैली निकाली गई, जिसमें सभी दलों के लोग शामिल हुए। छतहार की तरफ से मुखिया श्री मनोज मिश्र इस रैली में शामिल हुए।
अगर आप अन्ना के साथ हैं तो ब्लॉग पर अपनी प्रतिक्रिया भेजें। अगर आप भी अन्ना के आंदोलन में शामिल हो रहे हैं तो अपनी तस्वीर भी जरूर भेजें। यहां प्रकाशित कर हमें प्रसन्नता होगी।  

Saturday, August 13, 2011

पाठा बलि को सशर्त मंजूरी

तेलडीहा में जिला प्रशासन ने दुर्गापूजा के दौरान पाठा बलि को सशर्त मंजूरी दे दी है। बांका की सांसद श्रीमती पुतुल सिंह के हस्तक्षेप के बाद गत सोमवार को प्रशासन ने अपना फैसला सुनाया। प्रशासन ने कहा है कि पशु बलि के लिए सभी मंदिरों में पूजा समिति का विधिवत गठन कर इसकी जानकारी प्रशासन को दी जाएगी। इसी समिति की देखरेख में पशु बलि का कार्यक्रम संपन्न होगा। इस दौरान किसी प्रकार की घटना होने पर पूजा समिति के ऊपर भी इसकी जिम्मेवारी होगी। जरूरत पड़ने पर प्रशासन भी पूजा समिति को इसमें सहयोग करेगा।
सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी अमित कुमार ने इसे लेकर पूजा समिति के लोगों के लोगों के साथ बैठक की। उन्होंने बलि पड़ने वाले सभी मंदिरों में
16 अगस्त से पहले पूजा समिति गठित कर लेने को कहा गया। साथ ही बलि के लिए सभी पूजा समिति अपना कार्यकर्ता तैयार करेंगे जिन्हें पशु बलि के दौरान परिचय पत्र भी दिया जाएगा। कार्यकर्ताओं की सूची को स्थानीय थानेदार अंतिम रूप से स्वीकृति प्रदान करेंगे। इसका रिकार्ड पूजा समिति के साथ थाना के पास भी जमा रहेगा। इन शर्त के साथ पशु बलि सभी सार्वजनिक जगहों पर पहले की तरह जारी रहेगा।
बैठक में तेलडीहा मंदिर में दशहरा पर बलि को लेकर विशेष व्यवस्था का निर्णय हुआ, ताकि पिछली साल जैसी घटना किसी कीमत ना हो सके। एसडीओ ने शंभूगंज के सीओ और थानाध्यक्ष को इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना बनाने को कहा गया है। बैठक में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी रमाशंकर राय, शंभूगंज थानाध्यक्ष बासुकीनाथ झा, बांका थानाध्यक्ष अरूण कुमार राय सहित पूजा समिति के मुखिया मनोज कुमार मिश्रा, शंकर दास, विजय कुमार दास, अमूल दास, कमल किशोर दास, सच्चिानंद झा कई पूजा समिति के लोग उपस्थित थे।
गौरतलब है कि पिछले साल दुर्गापूजा में नवमी पूजा में बलि के दौरान भगदड़ में कुछ लोगों की मौत हो गई थी। इसके प्रशासन ने पूरे जिले में बलि पर रोक लगा दी थी। चार अगस्त को नागपंचमी के मौके पर शंभूगंज प्रखंड के हरिवंशपुर विषहरी मंदिर में हर साल की तरह करीब दो सौ पाठा की बलि दी जानी थी। इसके लिए सुबह दूर दराज गांवों से करीब सौ की संख्या में बलि के लिए पाठा लेकर भी भक्त पहुंचे हुए थे। इसकी सूचना पर अंचलाधिकारी इंद्रजीत सिंह व थानाध्यक्ष बासुकीनाथ झा ने पुलिस बलों के साथ वहां पहुंच कर बलि को रोक दिया। अधिकारियों ने उन्हें पूजा पर किसी प्रकार की बाधा नहीं होने देने का आश्वासन दिया। प्रशासन के इस फैसले की खबर पर आसपास गांवों के सैकड़ों लोग वहां जमा हो गये तथा प्रशासन के इस फैसले को तुगलकी करार दिया। बाद में उपस्थित लोगों ने मंदिर में पूजा किये जाने से भी इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि तांत्रिक विषहरी मंदिर में पिछले चार सौ वर्षो से पूरे क्षेत्र की आस्था जुड़ी हुई है। लोग तब से यहां पशु बलि दे रहे हैं। लेकिन इसे एका एक रोकना सही नहीं है।
(कुछ इनपुट- दैनिक जागरण से)

Friday, July 29, 2011

मुखियाजी का जनता दरबार



छतहार माध्यमिक विद्यालय में मुखिया श्री मनोज मिश्र लोगों की समस्या का निपटारा करते हुए। फोटो- रौशन मिश्र

Saturday, July 16, 2011

तीन मौतों से शाकद्वीपीय टोले में शोक

तीन दिन के भीतर तीन लोगों की मौत से छतहार के शाकद्वीपीय टोले में शोक फैल गया है। नौ जुलाई को श्री भोले मिश्र की पत्नी (पुटुक्की मिश्र की मां) का निधन हुआ। अगले रोज श्री सच्चिदानंद मिश्र भी लंबी बीमारी के बाद स्वर्ग सिधार गए। दो दिन के भीतर दो मौत के सदमे से शाकद्वीपीय समाज अभी उबरा भी नहीं था कि बोकारो से श्री महानंद मिश्र के निधन की खबर आ गई। श्री महानंद मिश्र की उम्र करीब 55 साल की थी और वो बोकारो में कार्यरत थे। छतहार ब्लॉग की तरफ तीनों मृतात्माओं को हार्दिक श्रद्धांजलि। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और मृतकों के घरवालों को दुख से लड़ने का साहस दे।

Saturday, May 28, 2011

जनता का सेवक हूं, कर्म ही पूजा है-मनोज मिश्र

पंचायत चुनाव में मुखिया पद पर लगातार तीसरी बार चुने जाने पर श्री मनोज मिश्र से पंचायत के तमाम लोगों का शुक्रिया अदा किया है। जीत के बाद छतहार ब्लॉग से एक्सक्लूसिव बातचीत में श्री मिश्र ने कहा कि वो जनता के सेवक हैं और कर्म ही उनकी पूजा है। वो पिछले दस सालों की तरह नए कार्यकाल में भी छतहार पंचायत के विकास के लिए तन-मन से काम करते रहेंगे।
श्री मिश्र ने कहा है कि उनका सपना छतहार पंचायत को देश के सबसे विकसित पंचायत के रूप में देखना चाहते हैं। इसके लिए वो जीत-तोड़ मेहनत करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सरकार से पंचायतों को और मदद देने की अपील की है। श्री मिश्र लगातार तीसरी बार मुखिया बन रहे हैं लेकिन इतनी बड़ी कामयाबी के बावजूद उनके पांव अभी भी धरती पर टिके हैं। उन्होंने कहा कि जीत का मतलब ये नहीं जनता ने पांच साल के लिए राज चलाने का लाइसेंस दे दिया है। जीत सच्ची तभी कही जाएगी जब वो अपने काम के बूते जनता भरोसा कायम रखने में कामयाब रहेंगे। उन्होंने कहा कि जिन्होंने उन्हें वोट दिया और जिन्होंने उनका विरोध किया.. सबका वो शुक्रिया अदा करते हैं क्योंकि समर्थकों से काम करने की ऊर्जा मिलती है और विरोधियों से खुद को साबित करने की चुनौती। उनकी कामयाबी का यही राज है।
श्री मिश्र ने अपनी जीत के लिए जनता के साथ खासतौर पर अपनी कोर टीम के सदस्यों का शुक्रिया अदा किया। श्री मिश्र की टीम में श्री पंकज सिंह, श्री ब्रजेश मिश्र, श्री पवनानंद मिश्र, श्री दीपक सिंह, श्री मोनू मिश्र, श्री पप्पू यादव, श्री प्रकाश चौधरी, श्री छेदी चौबे, श्री बुटेरी चौधरी, श्री लखन चौधरी, श्री अजय मिश्र उर्फ नौसे, श्री शंकर तिवारी,श्री अशोक यादव, श्री श्रीकांत यादव,श्री हीरा दास, श्री कपिल दास,श्री शेखर झा, श्री प्रमोद झा, मिर्जापुर से श्री प्राणमणि मिश्र, श्री यशोधर पाठक आदि प्रमुख हैं।
श्री मिश्र के तीसरी बार मुखिया चुने जाने पर छतहार ब्लॉग पर उनके लिए लगातार बधाई संदेश आ रहे हैं। बेगूसराय से श्री मनोज कुमार मिश्र ने अपने संदेश में लिखा है-बधाई! यूं ही पंचायत का विकास करते रहिए। नोएडा में फैशन डिजाइनिंग का काम करने वाले श्री विकास मिश्र ने कहा- मनोज दा के रूप में जनता ने  अपना सच्चा नुमाइंदा पा लिया है। जीत की हार्दिक बधाई। नाइजीरिया से छतहार निवासी पंकज मिश्र ने कहा है हमें मनोज जी पर गर्व है। गाजियाबाद में रहने वाले छतहार के छात्र नीरज, सौरभ और आशीष ने भी मनोज जी के मुखिया चुने पर बधाई दी है।

ब्रेकिंग न्यूज- मनोज मिश्र की हैट्रिक

छतहार पंचाय़त चुनाव का नतीजा आ गया है। शंभूगंज से अभी-अभी खबर मिली है कि वर्तमान मुखिया श्री मनोज मिश्र भारी बहुमत से चुनाव जीत गए हैं। बतौर मुखिय़ा ये उनकी लगातार तीसरी जीत है। श्री मनोज मिश्र ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी विनय खिरहरी को 404 वोटों से मात दी। श्री मिश्र को 1297 वोट मिले, जबकि श्री खिरहरी 893 वोट ही हासिल कर पाए। पंचायत समिति में जीवन सिंह 24 वोट से विजयी रहे। श्री जीवन पंचायत समिति के चुनाव में दूसरी बार जीत दर्ज करने में कामयाब रहे। सरपंच पद पर प्रभाकर मंडल को जीत मिली।
जहा तक श्री मनोज मिश्र का सवाल है, क्षेत्र में उनकी ख्याति एक कर्मठ व्यक्ति के रूप में की जाती है। वो बेहद जुझारू किस्म के इंसान माने जाते हैं, जिनके लिए मुखिया पद का मकसद सिर्फ और सिर्फ पंचायत का विकास और गरीब-पिछड़ों को बुनियादी सुविधा देकर उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना है। उन्होंने पहली बार मुखिया पद का चुनाव 2001 में जीता था, जब लंबे अर्से बाद बिहार में पंचायत चुनाव हुआ था।तब उन्होंने मुखिया पद पर लंबे अर्से से कायम श्री नंद किशोर सिंह को मात दी थी। नंद बाबू की ख्याति पंचायत के बड़े स्तंभ के रूप में की जाती थी,लेकिन पंचायत के विकास की लंबे अर्से तक अनदेखी और नए जोश के रूप में श्री मनोज मिश्र के उदय ने छतहार पंचायत में नंद बाबू के दबदबे को खत्म कर दिया।
2001 में मुखिया पद संभालते ही श्री मनोज मिश्र के सामने पहली चुनौती थी पंचायत संस्था में ग्रामीणों का भरोसा वापस दिलाना। उन्होंने सत्ता संभालते ही पंचायत के लिए सरकारी स्तर पर शुरू की गई तमाम योजनाओं को अमली जामा पहनाना शुरू किया। देखते ही देखते गांव में विकास की धारा बहने लगी। टूटी सड़कें पक्की हो गई हैं। मुख्य सड़क से मुहल्लों तक जाने वाली तंग गलियां चौड़ी और ईंट की हो गई। पानी की निकासी के लिए नाले का काम पूरा किया गया। छतहार के गौरव माध्यमिक विद्यालय का कायकल्प किया गया। ना सिर्फ स्कूल में नई इमारतें खड़ी हुईं बल्कि शिक्षकों की मौजूदगी भी सुनिश्चित कराई  गई। ये मुखिया जी की मेहनत का ही नतीजा है आज छतहार स्कूल  अपना पुराना गौरव वापस सका।
छात्रों की सुविधा के लिए शहीद विश्वनाथ पुस्तकालय को फाइलों से निकालकर जमीन पर लाया गया। आज कोई  भी देख सकता है कि किस तरह राय टोली के पास शहीद विश्वनाथ गर्व से सीना ताने खड़ा है।
केंद्र और राज्य सरकार की मदद के शुरू गई मध्यान्ह भोजन योजना को सख्ती से छतहार पंचायत में लागू किया गया। आंगनबाड़ी योजना भले ही दूसरे पंचायतों में मुखिया और पंचायत सदस्यों की कमाई का जरिया बन गयी हो, लेकिन छतहार में ये योजना अभी भी कारगर तरीके से काम कर रही है। कुल मिलाकर महज पांच साल में श्री मनोज मिश्र के नेतृत्व में छतहार में वो हो गया, जिसकी कल्पना आजादी के  बाद से 2001 तक किसी ने नहीं की थी। ये काम का ही नतीजा था जब श्री मिश्र 2006 पंचायत चुनाव में खड़े हुए तो भारी बहुमत से वापस जीत कर आए।
दूसरे कार्यकाल में भी उन्होंने छतहार पंचायत में सरकार की कई योजनाएं लागू कीं। राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी योजना नरेगा  अगर कहीं अपने सर्वश्रेष्ठ रूप में काम कर रही है तो वो छतहार पंचायत ही है। गर्भवती महिलाओं, कुपोषित शिशुओं, मेधावी छात्रों तमाम लोगों के लिए जितनी भी सरकारी योजनाएं हैं वो बगैर किसी घोटाले के छतहार पंचायत में काम कर रही हैं। कुल मिलाकर श्री मनोज मिश्र छतहार के विकासपुरुष साबित हुए हैं। तभी तो बगैर किसी धनबल और जातिगत आधार के पंचायत चुनाव में वो जीत की हैट्रिक लगाने में कामयाब रहे। छतहार ब्लॉग की तरफ से श्री मनोज मिश्र जीत की हार्दिक बधाई। हम कामना करते हैं छतहार के विकास में वो निरंतर काम करतके रहेंगे।
  

Tuesday, May 24, 2011

कौन बनेगा मुखिया? फैसला २७ को

छतहार पंचायत के मुखिया चुनाव के वोटों की गिनती २७ मई को होगी। उसी रोज देर रात नतीजा आने की उम्मीद है।

Thursday, April 7, 2011

मुखिया चुनाव में सिंबल बंटा

छतहार में हो रहे पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों के सिंबल बांट दिए गए हैं। मौजूदा मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र को बैगन चुनाव चिन्ह मिला है। इस सिंबल पर वो २००१ में भी निर्वाचित हो चुके हैं। चुनाव में कुल आठ उम्मीदवार हैं। उनके चुनाव चिन्ह इस प्रकार हैं। 1. अनीता देवी- मोतियों की माला 2. आशा देवी- ब्लैकबोर्ड 3. कुमार कृष्णानंद- कलम दवात 4. कुमार विनय- ईंट 5. नंद किशोर देव- फूल 6. मनोज कुमार मिश्र- बैगन 7. रिषी राजआनंद- ब्रश 8. शिवनंदन चौबे- चिमनी

Saturday, March 19, 2011

होली मुबारक हो

छतहार पंचायत के समस्त निवासियों और इस ब्लॉग के पाठकों को रंगों के त्योहार होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

मुखियाजी ने नामांकन भरा

समर्थकों के भारी हुजूम के बीच मौजूदा मुखिया श्री मनोज मिश्रा ने तीन मई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए अपना पर्चा दाखिल कर दिया। श्री मनोज मिश्रा ने अपना नामांकन शंभूगंज में दाखिल किया। इस मौके पर छतहार, टीना, मालडा, तिलडीहा आदि गांवों से करीब पांच सौ लोग शंभूगंज पहुंचे थे। श्री मिश्र पिछले दो टर्म से मुखिया पद से निर्वाचित हो रहे हैं। इस बार वो जीत की हैट्रिक के लिए फिर मैदान में हैं।

Friday, March 18, 2011

छतहार में आज धुड़खेल, कल होली है

छतहार में आज धुड़खेल मनाया गया। धुड़खेल होली के एक दिन पहले खेला जाता है। इसमें लोग एक-दूसरे को धूल-मिट्टी लगाते हैं। धुड़खेल खेलने के बाद लोग निकल पड़ते हैं ढोलक,झाल,मंजीरा लेकर होली गाने।
कल होली मनाई जाएगी। दिन भर लोग रंग खेलेंगे और शाम में अबीर खेलने निकलेंगे। अबीर खेलने में जहां अपने से छोटे, हमउम्र या मित्रों को गाल में अबीर लगाते हैं वहीं बड़ों के पांव पर अबीर रख कर उनका आशीर्वाद लिया जाता है। गांव के होली का अंदाज ही कुछ निराला है।

Tuesday, March 1, 2011

अश्विनी चौबे छतहार में

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे छतहार में
स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे का स्वागत करतीं तारापुर की विधायक नीता चौधरी
स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे को पंचायत के विकास की जानकारी देते मुखिया मनोज मिश्र
छतहार में लगे स्वास्थ्य शिविर में जुटीं महिलाएं