आपसे निवेदन

आप चाहे छतहार में रहते हों या छतहार से बाहर, अगर आपका रिश्ता छतहार से है तो ये ब्लॉग आपका है। हम चाहते हैं कि आप छतहार के बारे में अपनी जानकारी, अपनी भावना, अपने विचार हमसे बांटें। आप अगर छतहार से बाहर रहते हैं और जिंदगी की आपाधापी में छतहार से आपका रिश्ता टूट चुका है तो हम चाहते हैं कि आप अपने बारे में हमें जानकारी भेजें ताकि ब्लॉग में हम उसे पोस्ट कर छतहार से आपका रिश्ता जोड़ सकें। हमारा मकसद इस ब्लॉग को छतहार का इनसाइक्लोपीडिया बनाना है। दुनिया के किसी भी हिस्से में बैठा कोई शख्स छतहार के बारे में अगर कोई जानकारी चाहे तो उसे अपने गांव की पक्की सूचना मिल सके। ये आपके सहयोग के बगैर संभव नहीं है। हमें इस पते पर लिखे- hkmishra@indiatimes.com

Wednesday, September 28, 2011

धूमधाम से शुरू हुआ नवरात्र

शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्र धूमधाम से शुरू हो गया। पहले दिन देवी के शैलपूत्री रूप की पूजा की गई। पूरे गांव में सुबह से ही पूजा की सरगर्मी शुरू हो गई थी। पूजा के लिए फूल और बेल पत्र इकट्ठा करने के लिए तड़के ही लोग घरों से निकल पड़े थे। इसके लिए बच्चों और युवकों में खास उत्साह था। घरों से निकल रहे दुर्गा सप्तशती के पाठ स्वर और शंख ध्वनि से पूरे इलाके का माहौल धार्मिक बन गया। गांव के पंडितों के लिए खासतौर पर ये व्यस्त दिन रहा। पूरे नौ दिन उन्हें अलग-अलग घरों में चंडी पाठ करना होगा। 
उधर, तेलडीहा में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मां के भक्त सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर वहां पहुंच रहे थे। भक्त सुल्तानगंज से करीब बीस किलोमीटर की यात्रा पैदल तय कर तेलडीहा पहुंचे। यहां जल धारने के बाद ही भक्तों ने अपने घरों की तरफ रुख किया। बहरहाल, नवरात्र का ये पहला ही दिन था, आने वाले दिनों में तेलडीहा में भारी भीड़ जुटने का अनुमान है। खासतौर पर अष्टमी, नवमी और दशमी के रोज तो यहां लाखों की तादाद में श्रद्धालु जमा होते हैं।

No comments:

Post a Comment