मित्रों, छतहार के मशहूर गीतकार श्री मनोज मिश्र की धर्मपत्नी श्रीमती आरती मिश्र द्वारा रचित दो भक्ति गीतों को ब्लॉग पर पेश करते हुए अति प्रसन्नता हो रही है। श्रीमती आरती मिश्र बिहार की उदीयमान गीतकारों में शुमार हैं। छतहार ब्लॉ़ग की तरफ से उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं। पेश हैं श्री आरती मिश्र के दो भक्ति गीत। पहला गीत गणपति जी की वंदना है और दूसरा भगवान कृष्ण पर है।
![]() |
उदीयमान गीतकार श्रीमती आरती मिश्रा |
आये गणपति द्वारे हर्षाए सखिया
हर्षाए सखिया मंगल गए सखिया
आये गणपति द्वारे हर्षाए सखिया
माता गौरी के गोद बिराजे
देवगन फूल वर्षाये सखिया , आये ---
गौरी नंदन शिव के दुलारे
चन्दन पलना माता झुलाए
देख देख मन हर्षाए सखिया , आये ---
माथे मुकुट मूषक पे बिराजे
मोदक थाल मन भाए सखिया ,आये ----
जो यह गणपति मंगल गाये
रिद्धी- सिद्दि धन पाए सखिया ,आये ----
" आरती " गाये सखी संग मिली जुली
हर्षाए सखिया मंगल गए सखिया
आये गणपति द्वारे हर्षाए सखिया
माता गौरी के गोद बिराजे
देवगन फूल वर्षाये सखिया , आये ---
गौरी नंदन शिव के दुलारे
चन्दन पलना माता झुलाए
देख देख मन हर्षाए सखिया , आये ---
माथे मुकुट मूषक पे बिराजे
मोदक थाल मन भाए सखिया ,आये ----
जो यह गणपति मंगल गाये
रिद्धी- सिद्दि धन पाए सखिया ,आये ----
" आरती " गाये सखी संग मिली जुली
सकल मनोरथ पाए सखिया ,आये ----
गीत - आरती मिश्र
संगीत - मनोज मिश्र
No comments:
Post a Comment