मांग में मैया के टीका सोहे
टीका में लरिया निराली देखो जी बड सुहावन लागे जी
माथे में मैया के विन्दिया सोहे
विन्दिया में हीरा प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
कानों में मैया के झुमका सोहे
झुमका में मीना धारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
गले में मैया जी के सिकरी सोहे
सिकरी में लाकेट प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
हाथों में मैया जी के कंगन सोहे
कंगन में खिलिया प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
पैरों में मैया के पैजनी सोहे
पैजनी छम्मकदारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
मैया की साड़ी करे जगमग जगमग
की है शेर सवारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
माता दुर्गा जगत महारानी
तीनों लोक में नहीं इनकी सानी
शिव शिव भवानी मृडानी रुद्रानी
दुर्गति नाशिनी अम्बे देखो जी बड सुहावन लागे जी
महिषासुर मधुकैटभ मारे
सुर नर मुनि को भय से उवारे
जय जय करे दुनियां सारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
" आरती " वंदना करूँ भक्त संग मिल
लेहो अब मोहे उवारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
गीत- आरती मिश्र
टीका में लरिया निराली देखो जी बड सुहावन लागे जी
माथे में मैया के विन्दिया सोहे
विन्दिया में हीरा प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
कानों में मैया के झुमका सोहे
झुमका में मीना धारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
गले में मैया जी के सिकरी सोहे
सिकरी में लाकेट प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
हाथों में मैया जी के कंगन सोहे
कंगन में खिलिया प्यारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
पैरों में मैया के पैजनी सोहे
पैजनी छम्मकदारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
मैया की साड़ी करे जगमग जगमग
की है शेर सवारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
माता दुर्गा जगत महारानी
तीनों लोक में नहीं इनकी सानी
शिव शिव भवानी मृडानी रुद्रानी
दुर्गति नाशिनी अम्बे देखो जी बड सुहावन लागे जी
महिषासुर मधुकैटभ मारे
सुर नर मुनि को भय से उवारे
जय जय करे दुनियां सारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
" आरती " वंदना करूँ भक्त संग मिल
लेहो अब मोहे उवारी देखो जी बड सुहावन लागे जी
गीत- आरती मिश्र
संगीत- मनोज मिश्र
ताल- दादरा
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