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Saturday, March 15, 2014

होली है

दोस्तो,
होली आ गई है। पेश है छतहार की मशहूर गीतकार आरती मिश्रा और संगीतकार मनोज मिश्रा के होली गीत।
उड़े गुलाल चले पिचकारी ,बाजे ढोल मृदंग ,
हो ...... झूम रहे हैं लोग खुशी से ,होली का हुडदंग |
  अरे होरी खेले रे सजनियाँ सजन घर ,होली खेले रे सजनियाँ 

 १) सोने की थारी में पूवा मिठाई ,अपने हाथों से सजन को खिलाई ,
रंग गुलाल उड़ाई सजन घर होरी खेले रे सजनियाँ |
२) सज धज कर जब सजनी आई ,अपने सजन को रंग लगाई ,
शोभा वरन न जाई ,सजन घर होरी खेले रे सजनियाँ |
३) भंग चढ़ा के रंग लगा के ,अंग से अंग लगाके
सजन घर होरी खेले रे सजनियाँ |
४)फूलों से रची -रची सेज सजाया ,
बाजे लागल पैजनियाँ ,सजन घर होली खेले रे सजनियाँ .........
गीत - आरती मिश्रा
संगीत - मनोज मिश्रा
 

Wednesday, March 12, 2014

छतहार में सुमन दीदी का प्रवचन

मित्रों, छतहार में इन दिनों मशहूर कथावाचिका सुमन दीदी का प्रवचन चल रहा है। इस मौके पर विभिन्न तरह की झांकियां भी निकाली जा रही हैं। पेश हैं चंद तस्वीरें।

 ऊपर की तस्वीर कृष्ण जन्म लीला की है। दाहिनी तरफ मां यशोदा की भूमिका में श्रीमती अनीता मिश्रा।
बायीं की तस्वीर बलदेव जी की है जो टोकरी में कन्हैया को लेकर जा रहे  हैं।

कृष्ण जन्म कथा सुनने उमड़ी भारी भीड़।

मशहूर कथा वाचिका सुमन दीदी (बायीं तस्वीर)

बलदेव जी (दाएं)