दोस्तो,
होली आ गई है। पेश है छतहार की मशहूर गीतकार आरती मिश्रा और संगीतकार मनोज मिश्रा के होली गीत।
उड़े गुलाल चले पिचकारी ,बाजे ढोल मृदंग ,हो ...... झूम रहे हैं लोग खुशी से ,होली का हुडदंग |
अरे होरी खेले रे सजनियाँ सजन घर ,होली खेले रे सजनियाँ
१) सोने की थारी में पूवा मिठाई ,अपने हाथों से सजन को खिलाई ,
रंग गुलाल उड़ाई सजन घर होरी खेले रे सजनियाँ |
२) सज धज कर जब सजनी आई ,अपने सजन को रंग लगाई ,
शोभा वरन न जाई ,सजन घर होरी खेले रे सजनियाँ |
३) भंग चढ़ा के रंग लगा के ,अंग से अंग लगाके
सजन घर होरी खेले रे सजनियाँ |
४)फूलों से रची -रची सेज सजाया ,
बाजे लागल पैजनियाँ ,सजन घर होली खेले रे सजनियाँ .........
गीत - आरती मिश्रा
संगीत - मनोज मिश्रा
संगीत - मनोज मिश्रा
No comments:
Post a Comment