कीचक राजा आए हो,कीचक राजा आए
द्रौपदी नारी को भंग करण को कीचक राजा आए
द्रौपदी नारी विनती किन्ही
द्रौपदी नारी विनती न हो
धर्म भ्रष्ट न करो हो
धर्म भ्रष्ट न करो
द्रौपदी नारी को भंग करण को कीचक राजा आए
साड़ी पकड़ के कोची खींचे
साड़ी पकड़ के कोची न रे
बांह पकड़ झकझोरे जो
बांह पकड़ झकझोरे
द्रौपदी नारी को भंग करण को कीचक राजा आए
हालत भीम को कहे सुनाई
हालत भीम को कहे न हो
भीम गए रिसीयाई जो
भीम गए रिसीयाई
द्रौपदी नारी को भंग करण को कीचक राजा आए
भीम ही रूप धरे नारी के
भीम ही रूप धरे न हो
पाकशाला में जाए न जो
पाकशाला में जाए
द्रौपदी नारी को भंग करण को कीचक राजा आए
मल्ल युद्ध जब होवन लागे
मल्ल युद्ध जब होवन न हो
कीचक मार गिराए जो
कीचक मार गिराए
द्रौपदी नारी को भंग करण को कीचक राजा आए
सौजन्य- श्री लखन चौधरी
is bar ka holi mane gawn me manaya.gawn ki holi me jiwatta payi jati he jo sharo me dekhne ko nahi milta he.gawn me ek apnapan sa masus hota he jabki sharo me bnavati dikhta he.gawn me jab sorsraba k bich holi k rag gaye jate he to man romanchit ho jata he ye rag alap murde me pran fukne jesa hota he .is bar gawn m holi santi dhang se manaya gaya kahi se koi apriya ghatna nahi ghati shabhi kush the.RAJEEV JHA AHMEDABAD NATIVE CHHATHAR
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