लोकसभा में छतहार की नुमाइंदगी करने वाले दिग्विजय सिंह नहीं रहे। पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के बांका से लोकसभा सदस्य दिग्विजय सिंह का आज लंदन में ब्रेन हैम्रेज से निधन हो गया। दिग्विजय सिंह इलाज को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद वह कोमा में चले गए थे। दो हफ्ते से उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष और कॉमनवेल्थ गेम्स की आर्गेनाइजेसन के सदस्य दिग्विजय सिंह लंदन कॉमनवेल्थ गेम्स एक्ज्यूक्यूटिव कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने गए थे और वहीं उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। दिग्विजय सिंह के परिवार में उनकी पत्नी और दो बेटियां हैं।
दिग्विजय सिंह का जन्म 14 नवंबर 1955 को जमुई के गिद्धौर में हुआ था। पटना विश्वविद्यालय से एम.ए. करने के बाद उन्होंने दिल्ली का रुख किया। यहां जेएनयू से उन्होंने एम.फिल किया। बाद में वह आगे की पढ़ाई के लिए टोकियो भी गए। दिग्विजय सिंह पांच बार संसद सदस्य रहे। तीन बार लोकसभा (1998, 99, 2009) और दो बार राज्य सभा (1990, 2004)। 1990 में चंद्रशेखर सरकार में वह पहली बार मंत्री बने। फिर 1999 से 2004 के बीच एनडीए की सरकार में पहले रेल राज्य मंत्री और फिर बाद में विदेश राज्य मंत्री बने। पिछले लोकसभा चुनाव में जेडीयू से टिकट नहीं मिलने पर दिग्विजय सिंह ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था और अच्छे अंतर से चुनाव जीत कर आए थे। दिग्विजय सिंह एक कुशल वक्ता भी थे। टीवी पर डीबेट में विभिन्न मुद्दों पर वह अपनी राय बेबाकी से रखते थे।
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सुनकर काफी दुख हुआ हमारे भावी नेता दिग्विजय बाबू नहीं रहे ।
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