मां काली मंदिर का एक दृश्य।
मां तिलधिया महारानी। मां दुर्गा का ये मंदिर बिहार के जाने-माने मंदिरों में शुमार है। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन ने मांगता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। प्रत्येक मंगल और शनिवार को यहां बड़ी तादाद में भक्त जुटते हैं। दुर्गापूजा के वक्त तो दूर-दूर से श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने और मन्नत उतारने आते हैं।
मां तिलधिया महारानी। मां दुर्गा का ये मंदिर बिहार के जाने-माने मंदिरों में शुमार है। कहा जाता है कि यहां जो भी सच्चे मन ने मांगता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है। प्रत्येक मंगल और शनिवार को यहां बड़ी तादाद में भक्त जुटते हैं। दुर्गापूजा के वक्त तो दूर-दूर से श्रद्धालु यहां माता के दर्शन करने और मन्नत उतारने आते हैं।
प्रेमनाथ बाबा। नदी के पार तड़बन्ना के पास, जहां कभी गांव की क्रिकेट टीम खेला करती थी।
शीतला मंदिर।
शीतला मंदिर।
नोट- छतहार में धार्मिक आस्था के केंद्र और भी हैं। विषहरी स्थान, जलपा महारानी मंदिर, बजरंगल बली मंदिर, सत्ती स्थान, हरटोल बाबा स्थान, प्रेमनाथ बाबा शिवालय। अगर इनकी तस्वीरें आपके पास हैं तो हमें इस पते पर भेजिये- hkmishra@indiatimes.com
Bahut Achhe,
ReplyDeleteEk - Ek Snap mela ke dino ka bhi post kiya jaay.Aur Shivala posting mein Bhagwaan Bhaskar and Baba Bhola ka bhi snap add kiya jaay.
Regards
Manoj Mishra (Honeywell)
Uttar Tola
Chhathar
हां, हमारी यही कोशिश है। इसलिए हम छतहार से जुड़े हर शख्स से सामग्री भेजने का अनुरोध करते रहते हैं।
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ReplyDeleteमुझा आज भी याद है व दिन कली पूजा का मेला सुबह होता ही मेले से दही कचोरी ,घुप चुप ,झालामुदी ओर सबसे मजेदार बात ठीक मंदिर के सामने एक ठेला वाला आवाज लगता है चारआना पौवा .
ReplyDeleteमुझा आज भी याद है व दिन कली पूजा का मेला सुबह होता ही मेले से दही कचोरी ,घुप चुप ,झालामुदी ओर सबसे मजेदार बात ठीक मंदिर के सामने एक ठेला वाला आवाज लगता है चारआना पौवा .
ReplyDeleteहां, छतहार के कालीपूजा मेला की यादें तो भुलाए नहीं भूलती। भले ही मेले का दायरा छोटा हो. दिल्ली के आम बाजारों की तरह भव्यता ना हो,लेकिन लोगों की उमंग के आगे दिल्ली के बाजारों की भव्यता फीकी है.
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