मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
बाटे रे बटोहिया तोहिं मोरो भैया
लेले जाहो हमरो संदेश, महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
सबके बलमुआं घर घर घूमे
हमरो बलमू परदेस, हे हो
हमरो बलमू परदेस महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
तोहरो बलमुआं के चिन्हियो ना जानियो
कैसे के कहब संदेश हे हो
कैसे के कहब संदेश महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
सबके बलमुआं के लंबी लंबी केशिया
हमरे के पगिया निशान, महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
- बेशक ये मौसम फागुन का नहीं है, लेकिन अगर आप अपनों से दूर रहते हैं तो जेठ में भी ये फागुन जैसा असर करता है। सबके बलमुआ घर-घर घूमे, हमरो बलमुआ परदेस.... यहां बलमुआ की जगह किसी अपने को रख कर देखिये, जिसे अ्पने प्यारे गांव छतहार से दूर बैठे आप मिस कर रहों तो ये गीत आपके मन की संवेदना के तार को झंकृत कर देगी।
होली का ये सुंदर गीत हमें भेजा है श्री मनोज मिश्र ने। मनोज जी छतहार के जाने-माने गायक और संगीतकार हैं। संप्रति बरौनी के आईओसीएल रिफाइनरी में सर्विस इंजीनियर पद पर कार्यरत हैं। मनोज जी से हम उम्मीद करेंगे कि आगे भी वो अपनी रचना और छतहार के गीत-संगीत के माहौल के साथ वहां के कालजयी कलाकारों के बारे में अपना लेख भेजने की कोशिश करेंगे।- मॉडरेटर
बाटे रे बटोहिया तोहिं मोरो भैया
लेले जाहो हमरो संदेश, महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
सबके बलमुआं घर घर घूमे
हमरो बलमू परदेस, हे हो
हमरो बलमू परदेस महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
तोहरो बलमुआं के चिन्हियो ना जानियो
कैसे के कहब संदेश हे हो
कैसे के कहब संदेश महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
सबके बलमुआं के लंबी लंबी केशिया
हमरे के पगिया निशान, महिनवा फागुन के
मदमस्त के बहे बयार महिनवा फागुन के
- बेशक ये मौसम फागुन का नहीं है, लेकिन अगर आप अपनों से दूर रहते हैं तो जेठ में भी ये फागुन जैसा असर करता है। सबके बलमुआ घर-घर घूमे, हमरो बलमुआ परदेस.... यहां बलमुआ की जगह किसी अपने को रख कर देखिये, जिसे अ्पने प्यारे गांव छतहार से दूर बैठे आप मिस कर रहों तो ये गीत आपके मन की संवेदना के तार को झंकृत कर देगी।
होली का ये सुंदर गीत हमें भेजा है श्री मनोज मिश्र ने। मनोज जी छतहार के जाने-माने गायक और संगीतकार हैं। संप्रति बरौनी के आईओसीएल रिफाइनरी में सर्विस इंजीनियर पद पर कार्यरत हैं। मनोज जी से हम उम्मीद करेंगे कि आगे भी वो अपनी रचना और छतहार के गीत-संगीत के माहौल के साथ वहां के कालजयी कलाकारों के बारे में अपना लेख भेजने की कोशिश करेंगे।- मॉडरेटर
जेठ में फागुन की फुहार वाह भई वाह...मज़ा दिला दिया आपने...गर्मी से थोड़ी राहत मिली...
ReplyDeleteThe best, most beautiful, and most perfect way that he have expressing a sweet romentic song of our folk music. I heard singing. ... सबके बलमुआ घर-घर घूमे, हमरो बलमुआ परदेस....,this line shows someone's beloved missing too much her husband or loved one...
ReplyDeleteThe best, most beautiful, and most perfect way that he have expressing a sweet romentic song of our folk music. I heard singing. ... सबके बलमुआ घर-घर घूमे, हमरो बलमुआ परदेस....,this line shows someone's beloved missing too much her husband or loved one...
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