धन्य-धन्य हमरो छतहार छै गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
यहां विराजे बाबू गोरेलाल मिसर जी
हुनी छलै वैद्यवा अपार गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
यहां विराजे बाबू महिपाल पांड़े जी
हुनी छलै ओझवा अपार गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
यहां विराजे बाबू प्रताप नारायण सिंह जी
हुनी छलै जमींदार गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
यहां विराजे बाबू संत कुमार झा जी
हुनी छलै पंडित अपार गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
यहां विराजे बाबू हरिलाल मिसर जी
हुनी छलै तहसीलदार गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
धन्य- धन्य हमरो छतहार छै गे बहिनो
धन्य-धन्य हमरो छतहार
गीतकार-स्व.कटकिन राय
सौजन्य- श्री बुटेरी चौधरी
आपसे निवेदन
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बचपन में बुटेरी चौधरी का रिकार्ड किया यह गीत सुना था। यह आज भी मेरे कानों में गूंजता है।खाली समय में बरबस यह मेरे होठों पर आ जाता है।
ReplyDeleteछतहार की ढेर सारी यादें हैं,क्या भूलूं क्या याद करूं।
गर्मी आ गई है।स्कूल मॉर्निंग हो गया होगा।स्कूल के दिनों जब छुट्टी होती थी तो तेज धूप में घर वापस आना होता था।ऐसे में कई गजह अपना पड़ाव होता था जैसे मोहनगंज का बगीचा नदी किनारे का बरगद या लखराज फिर आम का बगीचा।
रास्ते में आम का टिकौला चुनना इन दिनों की खास बात थी जिसे दिल्ली में मैं आज मिस कर रहा हूं। स्कूल में जब मार खाने की संभावना दिखती थी तो स्कूल जाते समय रास्ते से सिंगवारी का पत्ता तोड़ कर किताब में छुपा लेता था।
इन दिनों सुबह में सत्तू के शर्बत और शाम में बेल के शर्बत का अपना ही मजा था।लू से बचने के लिए कच्चे आम का शर्बत(अमझौरा)पीते थे।
गांव के आइसक्रीम का भी अलग मजा था,जिसमे क्रीम बिल्कुल नहीं केवल आइस ही होता था।नब्बे के दसक में पचास पैसे का ऑरेंज बार खा के जो तृप्ति मिलती थी वो आज चौको बार में कहां मिलती है।
CHHATHAAR...naam se shuru kiya gaya aapka blog nischit rup se ek sarahniy kadam hai.
ReplyDeleteapne gaon ki mitti ki khushbu ya yaad sabhi ko aati hai ,magar aap jo kuchh bhi kar rahe hai woh kabiletaariff hai.
butteri chaudhry ki lekhni ko padkar mujhe bhi apne gaaon ki yaad ane lagi....bahut hi badiya prayash hai.
i didnt get chance to b a part of the folk song gathering in the eve. of holi.. which we call"HOLI GANA"
ReplyDeleteBut, today when i go through this song, i come to know about the doctors,landlords and ojhas... whatever, of my village.
chhatahar is elake ka "rajdhani"
ReplyDeletehai.
Thanks Divyansu,(Jhun)
ReplyDeletePlease send me your mail id also for direct communication .I am really impressed by this blog.Proud of you.
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Manoj
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