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Wednesday, April 21, 2010

छतहार : शिक्षा की ओर बढ़ते कदम

अब ना रहे कोई कागज कोरा। ये नारा है छतहार पंचायत का। सब पढ़ें, सब स्कूल जाएं, सरकार के इस नारे को साकार करने की दिशा में बढ़ चला है छतहार पंचायत। पंचायत के सभी बच्चों को प्राथमिक स्तर तक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए छतहार के हर राजस्व ग्राम में इस समय स्कूल चल रहा है। पंचायत में कुल नौ स्कूल हैं। यानी पंचायत का तकरीबन हर गांव पर एक स्कूल। प्राथमिक स्तर तक शिक्षा पाने के लिए पंचायत के किसी बच्चे को एक किलोमीटर से ज्यादा रास्ता तय करने की जरुरत नहीं।
पंचायत का तकरीबन हर स्कूल सुविधा संपन्न है। इसमें सबसे ऊपर नाम आता है मध्य विद्यालय छतहार का, जिसे पंचायत के वर्तमान मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र पंचायत के मॉडल स्कूल के रूप में विकसित करने का सपना देख रहे हैं। ये मुखियाजी की कोशिशों का ही फल है कि 2007 से यहां आठवीं तक की पढ़ाई होने लगी है। अब इसे उच्च विद्यालय में प्रोन्नत करने की कोशिश चल रही है। इसकी संस्तुति ग्राम सभा, प्रखंड पंचायत समिति एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी की तरफ से सरकार को भेजी जा चुकी है। अगर सरकार ने इस अनुशंसा को हरी झंडी दिखा दी तो यकीनन छतहार के लिए शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम होगा।
ज्यादा दिन नहीं बीते हैं जब छतहार स्कूल दो टूटे-फूटे कमरे में चलता था। बच्चे दो किलोमीटर दूर तारापुर जाकर पढ़ना पसंद करते थे, लेकिन छतहार स्कूल जाना पसंद नहीं आता था। लेकिन साल 2001 में श्री मनोज कुमार मिश्र के मुखिया बनने के बाद से स्कूल में क्रांतिकारी बदलाव हुए। उनकी कोशिशों में माननीय राज्यसभा सदस्य श्री जनार्दन यादव और छतहार के समाजसेवी श्री चंद्रमोहन सिंह का अहम योगदान रहा। श्री यादव ने अपने कोष से 1.94 लाख रुपये दिए, जिससे दो कमरा, एक बरामदा और एक कार्यालय कक्ष का निर्माण कराया गया।
समाजसेवी श्री चंद्रमोहन सिंह ने पहले 2.61 लाख रुपये की राशि से दो कमरा, एक बरामदा और एक सभा मंच का निर्माण कराया और फिर 2.55 लाख रुपये की राशि से स्कूल में चाहरदीवारी, मुख्य प्रवेश द्वार का निर्माण कराया। इसके अलावा पंचायत मुखिया के द्वारा दशम वित्त आयोग से 1.04 लाख रुपये एवं एकादश वित्त आयोग से 1.17 लाख रुपये की राशि से तीन कमरा का छत ढलाई और बरामदा के मरम्मत और सीढ़ी निर्माण का काम कराया गया। सर्व शिक्षा अभियान के तहत तीन अतिरिक्त वर्ग कक्षा का निर्माण कराया गया है।
इन्हीं कोशिशों का नतीजा है कि इस समय मध्य विद्यालय छतहार के पास 12 कमरे, एक संकुल संसाधन केंद्र और एक कार्यालय है। सभी कमरों में बिजली के पंखे लगे हुए हैं। छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए चार शौचालय भी है। पीने के पानी के लिए तीन हैंडपंप और एक कुआं है। स्वच्छ पानी के लिए जून महीने तक अक्वा गार्ड और पानी की टंकी बनाने की योजना है।
मध्य विद्यालय छतहार में इस वक्त करीबन नौ सौ बच्चे पढ़ते हैं। स्कूल की कीर्ति धीरे-धीरे पूरे इलाके में फैल चुकी है और दूसरे पंचायत के बच्चे भी यहां आकर पढ़ने आ रहे हैं। पिछले कुछ सालों से कक्षा आठ से करीब डेढ़ सौ बच्चे उत्तीर्ण होकर उच्च विद्यालय में पढ़ने जा रहे हैं।
लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति सिर्फ छतहार तक सीमित नहीं है बल्कि पंचायत के दूसरे गांव भी मुखियाजी की कोशिशों का लाभ उठा रहे हैं। श्री मनोज कुमार मिश्र की कोशिशों से मिर्जापुर, हरिवंशपुर और काशीडीह टीना में प्रोन्नत मध्य विद्यालय की शुरुआत हो चुकी है।
एक नजर छतहार पंचायत के स्कूलों पर
1. मध्यविद्यालय छतहार, 8 वीं तक की पढ़ाई, 12 कमरे, एक संकुल केंद्र, एक कार्यालय कक्ष, तीन चापाकल, 1 कुआं, 4 शौचालय
2. प्रोन्नत मध्य विद्यालय, मिर्जापुर, सुविधा- 3 कमरे निर्माणाधीन, छत ढलाई पूरा, दो चापाकल, एक यूनिट शौचालय
3. प्रोन्नत मध्य विद्यालय, हरिवंशपुर, सुविधा- 4 कमरा, दो चापाकल, एक यूनिट शौचालय
4. प्रोन्नत मध्य विद्यालय, काशीडीह, टीना. सुविधा- 5 कमरा, दो चापाकल
5. प्राथमिक विद्यालय, मालडा सुविधा- 2 कमरा, दो चापाकल
6. प्राथमिक विद्यालय, तिलडीहा (फिलहाल भवनविहीन)
7. प्राथमिक विद्यालय, अंबा गोयड़ा. सुविधा- 2 कमरा, दो चापाकल
8. प्राथमिक विद्यालय, बालाचक, सुविधा- 2 कमरा, एक कार्यालय, दो चापाकल
9. नव प्रोन्नत प्राथमिक विद्यालय, जुलाहा टोला, सहरोय गोयड़ा. सुविधा- 3 कमरा निर्माणाधीन, 1 किचन शेड निर्माणाधीन, एक चापाकल

1 comment:

  1. अरे भाई ये तो मेरी मौसी का ब्लॉग है ...छतहार माने मां काली का शिबाला ...दशहरा पर मांस का महाभोज ..क्रिकेट को लेकर बहसे और कैरम का कंपिटिशन -- बस यादें रह जाती हैं .. लेकिन अब फिर से ये भूली बिसरी यादें अचानक सामने आ गई हैं -- बड़ा अच्छा लग रहा है इस ब्लॉग को देख कर -- लगता है कि मौसीहरा पहुंच गया हूं ----

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