आज शाम छह बजकर ग्यारह मिनट पर भूकंप के तेज झटकों से छतहार और आसपास के इलाके दहल उठे। गांववासी रोजमर्रा के कामों से निपटकर घर लौटे ही थे कि अचानक भूकंप का तेज झटका आया। छतहार के मुखिया श्री मनोज कुमार मिश्र के मुताबिक झटका इतना तेज था कि घर के दरवाजे और खिड़कियां हिलने लगीं। श्री मिश्र के मुताबिक भूकंप को गांव और इलाके के तकरीबन अधिकांश लोगों ने महसूस किया। भूकंप महसूस होते ही लोग घरों से निकल गए। लोगों की जेहन में लगभग 23 साल पहले 1988 में आए विनाशकारी जलजले की याद ताजा हो गई। 21 अगस्त 1988 को 6.6 तीव्रता के उस भूकंप में हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। तब भूकंप का केंद्र भारत-नेपाल सीमा का इलाका था।
इस बार भूकंप का केंद्र सिक्किम से 64 किलोमीटर दूर का इलाका बताया गया है। भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। बहरहाल, छतहार और आसपास के इलाकों से किसी नुकसान की खबर नहीं है। गौरतलब है कि बिहार में मुंगेर जिला भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है। छतहार मुंगेर जिले से बिल्कुल सटा हुआ है। 1934 और 1988 के भूकंपों में मुंगेर जिले में भारी तबाही हुई थी।
इस बार भूकंप का केंद्र सिक्किम से 64 किलोमीटर दूर का इलाका बताया गया है। भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई है। बहरहाल, छतहार और आसपास के इलाकों से किसी नुकसान की खबर नहीं है। गौरतलब है कि बिहार में मुंगेर जिला भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है। छतहार मुंगेर जिले से बिल्कुल सटा हुआ है। 1934 और 1988 के भूकंपों में मुंगेर जिले में भारी तबाही हुई थी।
'ब्लाग पर पहुंच गया भूकंप'। नुकसान तो हुआ कुछ।
ReplyDeleteBLOG PAR ASHUDHHIYON KA KHAYAL RAKHEN
ReplyDeleteREGARDS
राजीव शुक्ल जी, किन अशुद्धियों की बात कर रहे हैं, अगर इशारा कर देते तो मेहरबानी होती। हम उसे सुधार देते। बहरहाल, आप हमारे ब्लॉग पर आए शुक्रिया। अच्छा हो इसे बेहतर बनाने में कुछ रचनात्मक योगदान दें। आपके सुझाव का इंतजार रहेगा।
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