तीन फरवरी को स्वास्थ मंत्री श्री अश्विनी चौबे का आगमन छतहार में हुआ। श्री चौबे स्वास्थय चेतना यात्रा के सिलसिले में छतहार आए थे। हालांकि श्री चौबे काफी देरी से रात के नौ बजे छतहार पहुंचे लेकिन छतहार की जनता ने ठंड के बावजूद उनका स्वागत गर्मजोशी से किया।
उनका कार्यक्रम रात के नौ से बारह बजे तक चलता रहा और बड़ी संख्या में ग्रामीण सभा में डटे रहे। श्री चौबे ने इसे अपनी खुशकिस्मति बताई और ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने छतहार से अपने पुराने संबंधों को भी याद किया। उनके पूर्वज छतहार के ही थे। उनके फूफा श्री हलधर तिवारी भी छतहार के ही थे जिनके कंधों पर बैठकर वो घूमा करते थे। उन्होंने अपने बचपन के दिनों की याद को छतहार वाशियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि छतहार हमेशा से विद्वान और गुणी जनों की धरती रही है।
मंत्री जी का कार्यक्रम ग्रामीण गुड्डू तिवारी (पुत्र विद्याधर तिवारी) के प्रयास से हो पाया। सभा के अंत में अतिथियों को रात्री भोज दिया गया जिसे अतिथियों ने सराहा।
उनका कार्यक्रम रात के नौ से बारह बजे तक चलता रहा और बड़ी संख्या में ग्रामीण सभा में डटे रहे। श्री चौबे ने इसे अपनी खुशकिस्मति बताई और ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने छतहार से अपने पुराने संबंधों को भी याद किया। उनके पूर्वज छतहार के ही थे। उनके फूफा श्री हलधर तिवारी भी छतहार के ही थे जिनके कंधों पर बैठकर वो घूमा करते थे। उन्होंने अपने बचपन के दिनों की याद को छतहार वाशियों के साथ साझा किया। उन्होंने कहा कि छतहार हमेशा से विद्वान और गुणी जनों की धरती रही है।
मंत्री जी का कार्यक्रम ग्रामीण गुड्डू तिवारी (पुत्र विद्याधर तिवारी) के प्रयास से हो पाया। सभा के अंत में अतिथियों को रात्री भोज दिया गया जिसे अतिथियों ने सराहा।
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