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Saturday, July 10, 2010

विषहरी पूजा मंगलवार को

आज ढोल बजने के साथ ही विषहरी पूजा की उलटी गिनती शुरू हो गई। विषहरी पूजा मंगलवार यानी 13 जुलाई को है। हर साल पूजा से कुछ दिन पहले ढोल बजाने का नियम है। ढोल बजने के बाद गांव में किसी का शादी-विवाह नहीं हो सकता है। पूजा के दिन गांव को पहले बांधा जाता है और इसके बाद बकरों की बलि दी जाती है।

4 comments:

  1. शानदार पोस्ट

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  2. जानकारी का आभार.

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  3. विषहरी पूजा के कुछ दिन पहले पुरे गांव को मन्त्र से बंधा जाता है ठीक कुछ दिनों के बाद विषहरी पूजा होता है / विषहरी पूजा के दिन पूजा के बाद बकरों की बलि दी जाती है /

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  4. Samay per jaankari mila bahut achha laga.mujhe yaad hai ki har saal gaon bandhne ka kaarya DEVO CHOUDHURY karte the,sabse taarif ki baat hai ki pure chhathar ka parameter teji se daudte hue akshat chhitna,aur har saal halki baris jarur hoti hai jisme fisalne ka der lekin bina ruke yah karya maa Bishhari ki mahatwa se pura hota hai.
    Fir Katkin baba ka kirtan,pata nahin aabhi sabhi log kitna aanand lete hain.

    Samachar jaankar bahut khushi hui.

    Manoj Mishra
    Begusarai
    Bihar

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